गुमनामी से शिखर तक


वे दिन गए जब भारतीय खिलाडियों का अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में केवल भाग लेना ही महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जाता था। खेल में जीतने से ज्यादा, भाग लेना महत्वूपूर्ण हैं जैसे उद्बोधन  भारतीय खिलाड़ियों के लिए दिलासे का काम करते थे। खेल भावना का प्रदर्शन ही वह पदक होता था जिसे भारतीय खिलाड़ी प्रत्येक एशियाई, ओलंपिक या अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हासिल करते रहे । लेकिन पिछले दो दशकों में भारतीय खेल परिदृश्य में काफी बदलाव आया है Iभारतीय खिलाड़ियों की गुमनामी से ख्याति तक की यात्रा चुपचाप चलती रही। और इस वर्ष का अप्रैल माह इस यात्रा का सबसे बड़ा साक्षी बना। भारतीय खेलों के इतिहास में यह महीना स्वर्णक्षरों में लिखा जाएगा। दो महिला खिलाड़ी एक ही शहर की, दोनों ही रैकेट खिलाड़ी, नाम भी लगभग मिलता-जुलता और दोनों ही विश्व की शीर्षस्थ खिलाड़ी अप्रैल महीने में बनी यानी बेडमिन्टन में सायना नेहवाल और टेनिस में सानिया मिर्जा।सायना नेहवाल बैडमिंटन एकल श्रेणी में और सानिया मिर्जा टेनिस की महिला युगल श्रेणी में विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनी। दोनों के शिखर तक पहुचने की यात्रा भी लगभग समान है I दोनों को ही अपने अस्तित्व के लिए समाज की पारंपरिक सोच से संघर्ष करना पड़ा और दोनों के ही माता-पिता ने अपनी बेटियों के भविष्य के लिए अपना वर्तमान झोंक दिया।
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यह अनायास नहीं है कि खेलों के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा है। समाज में समृद्धि आई है, खेल सहित तमाम तरह के बुनियादी ढांचे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचे हैं। इससे देश की नई पीढ़ी में अलग तरह का आत्म-विश्वास पैदा हुआ है। बदलते समय में शिक्षा के प्रचार-प्रसार से लड़कियां हाशिये से मुख्यधारा में आ रही हैं Iसरकारी प्रयास भी नज़र अंदाज़ नहीं किये जा सकते हैं I विजेताओं को पुरस्कार ,नौकरी,सम्मान इत्यादि से भी प्रेरित होकर अभिभावक अपने बच्चों को खेलों में भेज रहे हैं I खेलों की मीडिया कवरेज बढ़ रही है I क्रिकेट के महानायकों के समानांतर नए नायक-नायिकाएं भारतीय खेल क्षितिज पर उभर रहे हैं। टेनिस, बैडमिटंन, निशानेबाजी, बॉक्सिंग, कुश्ती, गोल्फ के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रह रहे हैं।
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यह भारतीय खेल के लिए एक अच्छा संकेत हैं कि दो खिलाड़ी विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचे। इसमें में दोनों ही महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने यह कमाल कर दिखाया है।आशा है इनकी सफलता से प्रेरित होकर खेल में भारतीय भागीदारी अधिकाधिक बढ़ेगी I 

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