LLC Students project


बाल छवि को दिखाते किन्ही दो टीवी विज्ञापनों का विश्लेषण करे

Comments

Unknown said…
TV Commercial of the Lead India Initiative by times of india
link for tat vedio {http://www.youtube.com/watch?v=SWz9ONixdoE}

एक अत्यंत ही वैय्सत रोड का दृश्य है जहा रोड जाम लगा है ! रोड में एक वृछ िगरा हुआ है िजसके कारण रोड जाम हो गया है ! लोग जाम में फसे
है ! त्रफ्फिक पुिलस भी वह खरे होकर तमाशा देख रही है ! पुिलस की गर्री भी जम में फासी है और एक पुिलसवाला उसमे सो रहा है ! मंत्रीजी भी उस जाम में बहस गए है, उनके लए रोड के दुसरे तरफ एक और वाहन की वेवस्था की जाती है! एक बच्चा तब ही उसे वृछ के सामने आता है.,और बारिश होने लगाती है ! सभी लोग भाग कर बचने की कोिशश करते है लेिकन वह बच्चा उस िगरे हुए वृछ को हटाने क कोशिश करता है ! उस बच्चे को देखकर पास खरे बच्चे भी उसकी मद्दत करने आ जाते है ! अभी तक बारिश से बच रहे लोग भी इस को देखकर उस बच्चे की मदत करने आ जाते है ! सभी लोगो की कोशिश से वृछ हट जाता है ! लोग धीरे- धीर जाने लगते है े ैऔर वह पर सो रहे े पुिलस की नींद खुल जाती है ! एक बच्चे के कोिशश से पूरा दृश्य बदल जाता है !

"तुम चलो तो हिंदुस्तान चल"

इशान रोहन
1043
Unknown said…
UNICEF - Dreams - Indian Ad
link to the vedio {http://www.youtube.com/watch?v=raGxu_IL-5k}

इस विज्ञापन में unicef त्ारा,भारत और सलीम नाम के तीन बच्चो ंके सपने और
हकीकत से हमें परिचित करा रहा है ! त्ारा जो सपने में ब्लैक- बोर्ड साफ करने के लीए
सोच रही है , हकीकत में रोड में कारों के सीसे साफ़ करती है !
,भारत जो प्लेट में रंग घोलने का सोच रहा है और उस जिंदगी में रंगों के साथ खेलना है
हकीकत में होटल में प्लेट साफ़ कर रहा है ! उसके सपने भी प्लेट के साथ धुल जा रहे है !
सलीम जो रस में दोराना चाहता है उससे हकीकत में गराज
े का सामने लेने े के लीए दोराना पर रहा है ! ेबाल मजदूरी करा कर के
हम बच्चो का भविष्य क्यों ख़राब कर रहे है ! यहाँ unicef ने इस विज्ञापन
के माध्यम से बल मजदूरी रोकने की अप्पील है !

इशान रोहन
1043
Unknown said…
हम विज्ञापन के युग मे जी रहे है, विज्ञापनों ने उपभोकता संस्कृति को जन्म दिया है | ऐसे ही दो विज्ञापनों पर प्रकाश डालना चाहती हू |

एयरटेल का विज्ञापन:- इस विज्ञापन जिसमे एक परिवार है जिसमे मात्ता,पिता और एक बालक है जो की लगभग ६ साल का है और स्कूल मे पड़ता है वह अपने मात्ता पिता के साथ घूमने जा रहा है इस बात से वह बहुत खुश है इस ख़ुशी को वह अपने कक्षा के साथियो को बताता है और
साथ मे अपने मित्रों को अपने पता का फ़ोन नंबर भी दे देता है जिससे जब वह अपने परिवार के साथ हो तब अपने मित्रों से बात कर सके | इस
तरेह वह अपने स्कूल मे हर किसी को अपने पिता का नंबर कागज के टुकड़े पर लिख कर दे देता है इस प्रकार वह अपने ख़ुशी बताने का प्रयास करता है इस विज्ञापन मे यही दिखाया गया है की एयरटेल जो की एक मोबाइल कंपनी है उसने कॉल रेट घटा दिए है अब प्रति सेकंड के हिसाब से कल के पैसे कटेगे है यह हर उपभोकता के लिए ख़ुशी की बात है जिसे एक छोटा सा बालक अपने ख़ुशी के दुवारा बताने का पर्यास करता है |

सुप्रीत कौर
रोल नंबर=1100
Unknown said…
पेट्रोल की बचत:= इस विज्ञापन मे ट्राफिक जाम का दृश्य दिखाया गया है जिसमे रेड लाइट के समय एक पिता और बेटे मे बातचीत को प्रस्तुत करता है यह विज्ञापन बेटा अपने पिता से रेड लाइट के समय अपने भविष्य की बात करते हुए कहता है की मे बड़े होकर साइकिल की दुकान खोलूँगा क्योंकि आने वाले समय मे नयी पीड़ी के लिए पेट्रोल बचेगा ही नहीं | इस बात के पीछे उस बच्चे ने भविष्य की कल्पना कर दी है क्योंकि जिस तरेह से पेट्रोल की कमी हो रहीहै है उससे तो यही कल्पाना की जा सकती है की आने वाली पीड़ी साइकिल का पर्योग ही करेगी | इस विज्ञापन मे एक बालक के दुवारा एक बहुत जरुरी बात हर इन्सान को समझाने की कोशिश की गयी है रेडलाइट के समय अपने वाहन(गाड़ी,स्कूटर बस आदी) को बंद कर देना चाहिये इससे २०%पेट्रोल की बचत होती है | और इससे फायदा हर उपभोकता को है | इस तरेह इस विज्ञापन मे उस बच्चे के पिता अपनी गाड़ी बंद कर देते है | इस प्रकार एक बच्चे के माध्यम से इतनी जरुरी बात को उपभोकता तक पहुचाने का पर्यास किया गया है |
सुप्रीतकौर
रोलनंबर= 1100
rohit mathur said…
टी .वी . पर आने वाले प्रचारों मे एक प्रचार लाइफबॉय का भी है। इस प्रचार के द्वारा हिन्दुस्तान यूनीलीवर कम्पनी लोगो को इस बात का विश्वास दिलाना चाहती है कि लाइफबॉय साबुन के इस्तेमाल से बड़ों एवम बच्चों की सेहत सही रहती है तथा सभी प्रकार के रोगों से वह सुरक्षित रहते हैं।
इस विज्ञापन में दिखाया गया है कि एक बच्चा अपनी सोसायटी के पार्क में परेशान खड़ा है तभी एक डॉक्टर जो उसी बच्चे की सोसायटी में रहता है। वह उस बच्चे से आकर पूछता है कि बेटा अकेले क्यों खड़े हो? बच्चा कहता है कि मेरे सभी दोस्त स्वाइन फ्लू के डर से खेलने नहीं आए। यह सुनकर डॉक्टर बच्चे को लाइफबॉय साबुन और उसके साथ एक चिट्ठी बच्चे को देता है और उसे सोसाइटी में सभी घरों में देकर आने को कहता है। बच्चा उसे एक बैग में भरकर सभी घरों में दे आता है।जब लोग साबुन के साथ आई उस चिट्ठी को पढ़ते हैं जिसमे लिखा होता है कि "स्वाइन फ्लू से डरने का नहीं लड़ने का", यह पढ़ कर सभी लोग समझ जाते हैं कि जब तक हम लाइफबॉय साबुन इस्तेमाल करेंगे तब तक हम स्वाइन फ्लू से सुरक्षित रहेंगे।
"लाइफबॉय" हेल्थी होगा हिन्दुस्तान।
रोहित माथुर
रोल नंबर:1039
rohit mathur said…
मैगी एक ऐसा ब्रांड है जिसको हर बच्चा भली-भाँती जानता है। मैगी विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाता है जिसमेसे मैगी सूप भी एक उत्पाद है जिसको बच्चे बेहद पसंद करते है।
टी. वी. पर आने वाले मैगी सूप के विज्ञापन में एक बच्चे और उसकी माँ को दिखाया गया है जिसमे बच्चे को भूख लगती है और वो माँ से कुछ अच्छा खाने के लिए मांगता है लेकिन माँ रात्रिभोज का क्या होगा यह कहकर बच्चे को टाल देती है बच्चा ड्रामा करता है और अपने पेट पर हाथ रख कर कहता है कि माँ कि सुनु या टम्मी की जब माँ ये देखती है तो वह बच्चे के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प का चयन करती है और बच्चे को स्वादिष्ट एवं पौष्टिक मैगी सूप बनाकर देती है। इस सूप को बच्चा बेहद पसंद करता है और बड़े चाव से सूप पीता है।
"मैगी सूप", टेस्ट भी,हेल्थ भी
रोहित माथुर
रोल नंबर:1039
Mahesh Prasad said…
महेश प्रसाद के शब्दों में ................
आज कल की दुनिया सिर्फ उसी चीज पर मरती है जो दुनिया में प्रचलित है या दुसरे शब्दों में कहे सकते है कि लोग उसी चीज़ का प्रयोग करते है जिसका समाज में ऊचा स्थान है जिसके प्रयोग से लोगो को लगता है कि हम भी ऊचे वर्ग के है और हम भी उसी तेरह जीते है जैसे बड़े -बड़े लोग और वह यह भी सोचते ह जो चीज़ सुपर स्टार प्रयोग करते है वही चीज़ हम भी करते है जैसे कि- शारुख खान कहता है फेयेर हेंडसम प्रोयोग करने से आदमी गोरे होते है तो लोग इसके प्रभाव में आके सारे आदमी यही क्रीम प्रयोग करने लग जाते है लेकिन इस बार विज्ञापनो ने बच्चो का सहारा लेके अपने उत्पाद को विक्रय करने के लिए चुना है क्योकि बच्चो कि भवनों को असली समझा जाता है तो में इसी तरह के दो विज्ञापनो के द्वारा स्पष्ट कर रहा हु .........................................


एक विज्ञापन जो पेप्सोडेंटपेस्ट का है जिसमे एक बच्चा अपनी आइसक्रीम पैंट पर गिरा लेता है और कहेता कि मम्मी घर पर मारेगी और कहेता कि में घर मैं कहूँगा कि रस गिर गया है फल का वह इसलिए ऐसा बोलेगा क्योकि उसके दन्त में किरा लग जाता है क्योकि वोह ब्रुश नही करता खाना खा के तो उसका दुसरा दोस्त कहेता कि तू घर में झूट बोलेगा तोह उसका दोस्त कहेता है कि में झूट नही बोलता पेप्सोडेंटपेस्ट करने वाले झूट नहीं बोलते क्योकि वोह पेप्सोडेंट पेस्ट से ब्रुश करता है.





दुसरा विज्ञापन वोदाफोन का है जिसमे एक लड़की पोधा लगाने के लिए जमींन खोद ती है और खोद के पोधा लगा देती है लेकिन पानी डालने के लिए उसका कुत्ता पानी कि पाईप लाता है और जिसके माद्यम से यह बाताता है कि वोदाफोन हमेशा सहायता करने के लिया तेयार रहता है


महेश प्रसाद
रोल नंबर -१००१
बी.ऐ दुसरा वर्ष
hariom said…
बाल कलाकार विज्ञापन जगत मे एक महत्वपुण भुमिका निभाते है !

१) रिन के विज्ञापन मे एक बालक साईकिल पर सावार एक लाल बत्ती पर खडा है जिसके बराबर मे एक गाडी खडी है जिसमे एक व्यक्ति बैठा है जो उस बालक को देखता है और बोलता है कि कहा कहा से चले आते है और अपने कपडो की तुलना उस बालक से करता है !यह देख बालक अपने कपडो को ठीक कर अपनी टाई लगा लेता है ! फिर वह व्यक्ति उस बालक को देख चकित रह जाता है, जिस पर बालक कहता है कि २ पहियो का फर्क है अन्कल आ जाएगे !
इस विज्ञापन मे उस बालक के पक्के इरादो के बारे मे बताया गया है !

२)लाइफबॉय के एक विज्ञापन मे एक बालक अपनी सोसायटी के पार्क में चिन्तित खड़ा है तभी एक डॉक्टर आता है और उसकी चिन्ता का कारण पुछता है ! तब वह बालक कहता है कि मेरे सभी दोस्त स्वाइन फ्लू के डर से खेलने नहीं आए। यह सुनकर डॉक्टर बच्चे को लाइफबॉय साबुन और उसके साथ एक चिट्ठी देता है और उसे सोसाइटी के सभी घरों में देकर आने को कहता है जिस पर वह बालक लाइफबॉय साबुन और वह चिट्ठी सभी घरों में दे आता है ! जब लोग साबुन के साथ आई उस चिट्ठी को पढ़ते हैं जिसमे लिखा होता है कि "स्वाइन फ्लू से डरने का नहीं लड़ने का", यह पढ़ कर सभी लोग समझ जाते हैं कि स्वाइन फ्लू का मुकाबला उस से डर कर नही बलकि उस से लड़ कर है !"लाइफबॉय" हेल्थी होगा हिन्दुस्तान.....!

HARIOM CHADAR
1076,B.A(p)2nd Yr.
KHALSA COLLEGE, D.U.
Unknown said…
१.लाइफबॉय के एक विज्ञापन मे एक बालक अपनी सोसायटी के पार्क में चिन्तित खड़ा है तभी एक डॉक्टर आता है और उसकी चिन्ता का कारण पुछता है ! तब वह बालक कहता है कि मेरे सभी दोस्त स्वाइन फ्लू के डर से खेलने नहीं आए। यह सुनकर डॉक्टर बच्चे को लाइफबॉय साबुन और उसके साथ एक चिट्ठी देता है और उसे सोसाइटी के सभी घरों में देकर आने को कहता है जिस पर वह बालक लाइफबॉय साबुन और वह चिट्ठी सभी घरों में दे आता है ! जब लोग साबुन के साथ आई उस चिट्ठी को पढ़ते हैं जिसमे लिखा होता है कि "स्वाइन फ्लू से डरने का नहीं लड़ने का", यह पढ़ कर सभी लोग समझ जाते हैं कि स्वाइन फ्लू का मुकाबला उस से डर कर नही बलकि उस से लड़ कर है !"लाइफबॉय" हेल्थी होगा हिन्दुस्तान.....!
Unknown said…
२.पेट्रोल की बचत:= इस विज्ञापन मे ट्राफिक जाम का दृश्य दिखाया गया है जिसमे रेड लाइट के समय एक पिता और बेटे मे बातचीत को प्रस्तुत करता है यह विज्ञापन बेटा अपने पिता से रेड लाइट के समय अपने भविष्य की बात करते हुए कहता है की मे बड़े होकर साइकिल की दुकान खोलूँगा क्योंकि आने वाले समय मे नयी पीड़ी के लिए पेट्रोल बचेगा ही नहीं | इस बात के पीछे उस बच्चे ने भविष्य की कल्पना कर दी है क्योंकि जिस तरेह से पेट्रोल की कमी हो रहीहै है उससे तो यही कल्पाना की जा सकती है की आने वाली पीड़ी साइकिल का पर्योग ही करेगी | इस विज्ञापन मे एक बालक के दुवारा एक बहुत जरुरी बात हर इन्सान को समझाने की कोशिश की गयी है रेडलाइट के समय अपने वाहन(गाड़ी,स्कूटर बस आदी) को बंद कर देना चाहिये इससे २०%पेट्रोल की बचत होती है | और इससे फायदा हर उपभोकता को है | इस तरेह इस विज्ञापन मे उस बच्चे के पिता अपनी गाड़ी बंद कर देते है | इस प्रकार एक बच्चे के माध्यम से इतनी जरुरी बात को उपभोकता तक पहुचाने का पर्यास किया गया है |