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Films Division The Films Division was constituted in January 1948 by re-christening the erstwhile Information Films of India and the Indian ...
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पानी में मीन पियासी, मोहि सुन-सुन आवे हाँसी। इस पद्य में कबीर साहब अपनी उलटवासी वाणी के माध्यम से लोगों की अज्ञानता पर व्यंग्य किये हैं कि ...
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रविवार, अगस्त 28, 2011 दिल्ली में लहलहाती लेखिकाओं की फसल Issue Dated: सितंबर 20, 2011, नई दिल्ली एक भोजपुरी कहावत है-लइका के पढ़ावऽ,...
2 comments:
दिन को होली रात दीवाली मनाती मधुशाला
सच है, अब न रहे वो पीने वाले, अब न रही वह मधुशाला
पाश्चात्य नववर्ष की शुभकामनाएँ
महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के ब्लॉग हिन्दी विश्व पर राजकिशोर के ३१ डिसेंबर के 'एक सार्थक दिन' शीर्षक के एक पोस्ट से ऐसा लगता है कि प्रीति सागर की छीनाल सस्कृति के तहत दलाली का ठेका राजकिशोर ने ही ले लिया है !बहुत ही स्तरहीन , घटिया और बाजारू स्तर की पोस्ट की भाषा देखिए ..."पुरुष और स्त्रियाँ खूब सज-धज कर आए थे- मानो यहां स्वयंवर प्रतियोगिता होने वाली ..."यह किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय के औपचारिक कार्यक्रम की रिपोर्टिंग ना होकर किसी छीनाल संस्कृति के तहत चलाए जाने वाले कोठे की भाषा लगती है ! क्या राजकिशोर की माँ भी जब सज कर किसी कार्यक्रम में जाती हैं तो किसी स्वयंवर के लिए राजकिशोर का कोई नया बाप खोजने के लिए जाती हैं !
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