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पानी में मीन पियासी, मोहि सुन-सुन आवे हाँसी। इस पद्य में कबीर साहब अपनी उलटवासी वाणी के माध्यम से लोगों की अज्ञानता पर व्यंग्य किये हैं कि ...
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रविवार, अगस्त 28, 2011 दिल्ली में लहलहाती लेखिकाओं की फसल Issue Dated: सितंबर 20, 2011, नई दिल्ली एक भोजपुरी कहावत है-लइका के पढ़ावऽ,...
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हिंदी पत्रकारिता का दूसरा युग 1873 से 1900 तक चलता है। इस युग के एक छोर पर भारतेंदु का "हरिश्चंद्र मैगजीन" था ओर नागरीप्रचारिणी सभ...
9 comments:
दूध की दुकान पर दुकानदार मेहता साहब से बोलता है की आज आप बहुत खुश नजर आ रहे हो वो बोलता है की मेरे बेटे जतिन का आर्मी में नंबर आ गया है और आज शाम को वो कानपुर जा रहा है सुबह माँ जतिन को जगा रही होती है जतिन माँ को उदास देखकर कहता है माँ मैं कुछ ही महीनो मे वापिस आ जाऊंगा शाम सब उससे ऑटो से स्टेशन भेज देते है ऑटो वाला जतिन को स्टेशन से पहेले ही उतार देता है और कहता है की आप ही जाओ उस म़ोत के स्टेशन लापतागंज पर जतिन के कारण पूछने पर वो खेता है की भइया आगे भूटिया ट्रेन है जतिन इसे बकवास मानकर स्टेशन जाता है वो देकता है की फूल से सजी हुई एक ट्रेन आ रही है उसके देखते ही वो अँधा हो जाता है और अगले दिन उसकी म़ोत हो जाती है इससे हजारो मोंते हो चुकी थी और ये खवर आग की तरहे शहर में फेल जाती है तभी राज जो की एक इंस्पेक्टर है वो इसके बारे में पता लगाने के लिए लापतागंज स्टेशन जाता है उसे इस बात का पता होता की ट्रेन रात को 11 बजे इस स्टेशन पर आती है इसलिए वो इसे बिना देके ही वो इसके अंतिम छोर पर जाता है और उसकी जानकारी के मुताबिक उसे पता चलता है की भूतिया ट्रेन बांद्रा स्टेशन पर जा कर रुक जाती है उस स्टेशन पर बतिया का असर ख़त्म हो जाता है तब वो इस ट्रेन की पूरी जांच पड़ताल करता है newspaper से उसे पता चलता है की कुछ साल पहेले इस ट्रेन से लापतागंज स्टेशन पर कुछ तकनीकि खरावी के कारण के कारण हजारो लोगो की जाने जा चुकी है तभी से उन सब की आत्माए इस ट्रेन में भटकती है क्यूंकि उन लोगो के नाम अभी भी इस ट्रेन पर लिखे है तब राज बांद्रा स्टेशन पर पहुच कर वह पूजा पाठ कराता है और उस ट्रेन में आग लगा देता है तथा समुद्र में फिकवा देता है फिर अगले दिन से उस स्टेशन पर कोई ट्रेन नही आती कुछ सालो बाद आवाज आती है छुक छुक छुक ....................... neelam
एक आमिर घर का लड़का अपनी मोटर साइकिल और माध्यम वर्ग के घराने की लड़की अपनी साइकिल पर, आ रहे होते है की दोनों मे एक दुसरे से टकरा जाते है और लड़ाई शुरू हो जाती है फिर दोनों एक दिन एक शौपिंग मॉल मे टकरा जाते है और फिर लड़ाई शुरू हो जाती है य्हुई मिलने का सिलसला चलता रहा और लड़ाई भी. की अचानक एक दिन उस लड़की को कुछ लड़के छेड रहे होते है की वो लड़का आकर उसे बचा लेता है और दोनों मे दोस्ती हो है धीरे- धीरे ये दोस्ती प्यार मे बदल जाती है एक दिन दोनों अपने प्यार का इजहार एक दुसरे से कर देते है और फिर घरवलो को मना कर शादी कर लेते है सब कुछ ठीक चल रहा था की शादी के एक साल बाद उस लड़की की मौत हो जाती है लड़की तो मर जाती है पर अपने पीछे ९ महीने की लड़की और अपने पति को छोड़ जाती है पति ये सदमा बर्दाश नहीं कर पता और उसका दिमागी संतुलन खराब हो जाता है वो रात दिन अपनी पत्नी के बारे मे सोचता रहता है और बच्ची की तरफ कोई ध्यान नहीं देता है कुछ समय बीत जाने के बाद उस लड़की की बेस्ट फ्रेंड जो उसकी मौत से अनजान थी अमेरिका से इंडिया आती है और यहाँ आकर उसे उसकी मौत की खबर मिलती है उसे ये जान कर उसे बड़ा दुःख होता है पर सबसे ज्यादा दुःख उसे उसकी बच्ची के लिए होता है जो माँ की ममता से अनजान थी वो अपनी सहेली के घर की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लेती है और उसकी बच्ची को को एक माँ की तरह प्यार करने लगती है इन्ही सब के साथ चलते -चलते वो अपनी सहेली के पति से प्यार कर ने लगती है और कड़ी मेहनत कर के उसके पति को ठीक कर देती है वही उसकी बच्ची भी उसे अपने माँ समझने लगे है एक दिन उस लड़के को भी अहसास होता की वो भी उसको प्यार करने लगा है और वो उसे अपने दिल की बात कह देता है और वो मान जाती है और दोनों शादी कर लेते है और सुखमय जीवन बिताते है. नीरू शर्मा
8@पजाब का एक गाव मेह्ताचोक जहा बहुत सारे किसान परिवार रहते है जो खेती करके अपना गुजरा करते है उन्ही में सुखविंदर भटिया का छोटा सा परिवार एक बेटा जसविंदर और एक बेटी सिमरन जो पढाई में बहुत तेज और इसी साल बरवी क्लास में प्रथम आये जसविंदर को विलायत जाकर पढ़ ने का अवसर मिला उसके लिए उसके परिवार को पैसे देने थे उसके पिता ने अपने दिल पर पत्थर रख कर दो खेतो में से एक खेत को बेच कर पैसे देने का फेसला किया वह सोचता है की उसका बेटा विलायत में पढ़ कर उसका नाम करेगा उसे खेती नहीं करनी पड़ेगी उसका भविष्य सुधर जायेगा उसको अपना भविष्य बनाने का अवसर मिला था सभी उसे खुसी खुसी भेजने आते है विदा करते हुए पिता की आखो में आसु आगये उसने अपने बेटे को कहा की अपनी पढाई सही से करे कोई गलत कम न करना कुछ सालो बाद वह अपनी पढाई पूरी करने के बाद वही कम करने लगता है वहा उसको एक विलायती लड़की से प्यार हो जाता है और कुछ समय बाद वो शादी कर लेता है उसी दोरान उसकी बहिन की शादी का रिश्ता तय होने का संदेस मिलता है लेकिन वो अपनी पतनी के कहने पे शादी में नहीं जाता दूसरी और उसका परिवार बहुत दुखी हो जाता है किसी तरह उसका पिता शादी कर देता है कुछ समय बाद जसविंदर का अपनी पतनी से कुछ झगड़ा हुआ और वो उसको छोड़ कर चली गयी तब उसको पछतावा हुआ की मेने अपने परिवार को छोड़ा बहेन की शादी में नहीं गया एक बेटे का फर्ज न निभा पाया और आज उसकी पतनी भी उसको छोड़ कर चली गयी अहसास होने पर वो अपने घर लोटकर अत है और अपने माता पिता से माफ़ी मागी और अपने परिवार की शेवा करने lga ............... mohit
लक्ष्य
सिद्धार्थ जो एक फोजी माहोल से है ,घर मे दादा जी और पिता जी सभी फोज से सेवानिर्वित है
सुबह होते ही सिद्धार्थ अपने बारहवी का रिजल्ट लेने के लिए जल्दी जल्दी तैयार हो ,भगवान् को प्रणाम कर स्कूल पहुचता है. स्कूल मे प्रवेश करते ही डरता हुआ सिद्धार्थ क्लास मे अपना रिजल्ट सुनते ही ख़ुशी से झूम जाता है ,पूरा दिन अपने दोस्तों के साथ बिताने के बाद जब सिद्धार्र्थ अपने घर पहुचता है ,उसके माता - पिता रिजल्ट को देख बहुत खुश होते है और उससे भविष्य मे आगे वह जो भी करना कहता है उसके लिए सुभकामनाये देते है,लकिन कुछ दिनों बाद उसे पता लगता है की उसके पिता की इक्षा है के उनका बेटा इंजीनीयर बने,तभी सिद्धार्थ इंजीनीयर बनने का निर्णय ले पढाई के लिए कॉलेज चला जाता ह वहीं रहता है ,लेकिन जब भी कॉलेज मे होने वाली सेमिनार और कोउन्सीलिंग आदि मे
जाता तो उसके मन मे कई सवाल आते,तभी उसके भीतर छुपी देश प्रेम की भावना उसे दिन रात ओस के खुद के लक्ष्य को याद दिलाती थी,एक आध्यापक ने सिद्धार्थ को परेशान देख उसे एक रास्ता बताया की किस तरह वो दोनों लक्ष्य को पूरा कर सकता है,तभी सिद्धार्थ एयर-फोर्स मे ऐर्क्रेफ्त इंजीनीयर की परीक्षा को पास कर भारतीय सेना मे भर्ती हो जाता है,लेकिन.......
सिद्धार्थ जब घर वापस आता है तो ओस्के पिता कुछ उधास से दिकते है ...की शायद उनके के बेटे ने उनके लक्ष्य को पूरा नहीं किया है,लेकिन जब सिद्धार्थ बताता ह की देश सेवा की भावना उसे पिता जी और दादा जी से ही मिली है और वह इंजीनीयर भी है तो पिता जी उसे गले लगा लेते है
एस तरह सिद्धार्थ अपने पिता और खुद क लक्ष्य को पूरा करता है
BHUPENDER SINGH
शक्ति
शक्ति एक गरीब घर की लड़की है जिसकी माँ एक गृहणी और पिता निजी कम्पनी में काम करते हैं | उसके पिता बहुत शराब पीते हैं, और उसकी माँ को बहुत मारते हैं | शक्ति को पढ़ना भी नहीं चाहते लेकिन शक्ति की माँ उसे पढ़ाती है, और शक्ति अपनी पढाई पूरी कर लेती है और अपने लक्ष्य की तैयारी में लग जाती है | शक्ति का लक्ष्य आई ए एस बनना है, लेकिन उसके पिता उसकी शादी कर देते हैं और शक्ति को जबरदस्ती शादी करनी पड़ती है | शादी के बाद शक्ति की मुसीबते खत्म होने की बजाये शुरु हो जाती है | शक्ति का पति विनय एक सरकारी कर्मचारी होता है, और अच्छे स्वभाव का होता है | लेकिन उसकी सास शक्ति पर बहुत अत्याचार करती है और उसकी पढाई को पसंद नहीं करती है लेकिन चुपके से शक्ति अपनी लक्ष्य की तैयारी करती रहती है | जब भी शक्ति अपनी पढाई करने बैठती है उसकी सास किसी न किसी बहाने से उसे काम में लगा देती है | शक्ति को बहुत दुःख होता है पर वो बिना किसी से कहे अपने मनोबल को टूटने नहीं देती है | शक्ति रात - रात भर जग कर अपनी तैयारी करती रहती है | इन सब में विनय उसका साथ देता है और उसको अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करता है | वो अपनी माँ को कुछ नहीं बोल सकता था, पर शक्ति को भी उदास नहीं देखा सकता, इसलिए उसकी मदद करता रहता था | आखिर वो दिन आता है जब शक्ति को परीक्षा देने जाना होता है | और विनय शक्ति को घुमाने के बहाने बाहर ले जाता है और परीक्षा दिलवाता है | और कुछ दिन बाद जब परीक्षा का परिणाम निकलता है तो शक्ति को यकीन ही नहीं होता है और वो सबसे पहले इसकी खबर वो अपने सास को देती है और तब शक्ति की सास के आँखों में आँशु आ जाता है और उसे अपने किये पर बहुत पछतावा होता है.और वो शक्ति से माफ़ी मांगती है और शक्ति उसे गले लगा उनसे आशीर्वाद लेती है | और इस तरह शक्ति एक सफल आई ए एस अधिकारी बन कर अपने देश की सेवा करती है |
पूनम यादव
जिस से पहाड़ों पर आसानी से चढ़ जाये! झुला झूलने को भी काम आये! नाम से नहीं केवल भरोसे से बिक जाये! तो बहनों फिर क्यों न कम दामो पर टार्ज़न रस्सी ही घर पर लाये!
जिस से पहाड़ों पर आसानी से चढ़ जाये! झुला झूलने को भी काम आये! नाम से नहीं केवल भरोसे से बिक जाये! तो बहनों फिर क्यों न कम दामो पर टार्ज़न रस्सी ही घर पर लाये!
राम पुर गाँव मे जगदीश नाम का ठाकुर रहता था !उसी गाँव मे एक गरीब परिवार मे दो लड़कियां बड़ी गीता और छोटी का सीता रहती थी! ठाकुर की नज़र गीता पर थी, वह उससे किसी भी तरह शादी करना चाहता था! पर गीत उसके लिए राजी नहीं थी और वह पुलिस को बुलाती है और ठाकुर की चेतावनी देती है! पर चलाक ठाकुर फिर भी नहीं मानता और वह छलकपट से अपने नौकर वीरू से गीता की शादी करवा देता है! और दोनों को अपने हवेली मे ले आता है! ठाकुर फिर वीरू को एक कार दुर्घटना मे जख्मी करवाता है! और इलाज के लिए गीता के सामने एक शर्त रखता है, की वह वीरू के ठीक हो जाने पर उसके पास आ जाये परन्तु गीता अपने पति की सचे मन से अपने पति धर्म मे रहकर ठाकुर के हर जुल्म सहती है! और वीरू को ठीक करती है वीरू के ठीक हो जाने पर जब उस को सच्चाई का पता चलता है तो वो दोनों ठुकर की हवेली को छोड़ कर बहुत दूर चले जाते है!(kalpana arya)
एक गाँव का एक बहुत गरीब लड़का होता है! वह जिस गाँव मे रहता है! वहा का ठाकुर उस घर के लोगो को बहुत तग करता है! वह राजेश की ज़मींन और उसके पिता के भी हत्या कर देता है! उस के बाद राजेश शहर चला जाता है! और ठाकुर की लड़की भी वही शहर मे रहती है! एक दिन ठाकुर की लड़की अपनी कार से कॉलेज जा रही होती है, तो बीच में उसकी कार की ब्रेक फ़ैल हो जाते है! और राजेश का उसकार से एक्सिडेंट हो जाता है! फिर पायल उसे हॉस्पिटल ले जाती !है फिर वह अगले दिन राजेश से अपनी गलती की माफ़ी मागने आती है! कुछ दिनों बाद जब राजेश ठीक ही जाता है! तो पायल से जाने की बात करता है! लेकिन पायल उसे जाने नहीं देती, और उस को साथ रहने को कहती है! लेकिन राजेश मने कर देता है! फिर पायल उससे पूछती है! के आप कहा रहते हो, तो राजेश कहता है के में अभी अभी गाँव से आया हूँ! और कुछ काम करना चाहता हूँ! तो पायल उस की होटल मे नोकर की जॉब लगवा देती है! फिर राजेश और पायल रोज एक दुसरे से मिलते है! और दोनों मे प्यार हो जाता है! तभी राजेश के दोस्त जय का गाँव से लैटर आता है! कि ठाकुर उसकी माँ को परेशान कर रहा है, ये बात सुनकर राजेश गाँव जाने को कहता है !फिर पायल भी राजेश के साथ चलती है !गाँव पहुचने के बाद राजेश को पता चलता है! कि पायल ठाकुर कि लड़की है, तो राजेश उससे सारे रिश्ते तोड़ देता है! लकिन पायल उसके पास आकर कहती है! कि मे आपके साथ हूँ, राजेश ठाकुर के घर जाकर उसको मार देता है! फिर राजेश और पायल शादी कर लेते है! और राजेश गाँव का ठाकुर बन जाता है !
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