देश के शीर्ष दस अखबारों में हिन्दी के 5, अंग्रेजी का एक भी नहीं _ मी़डिया विस्फोट के सौजन्य से


देश के शीर्ष दस अखबारों के पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे नंबर पर हिन्दी के अखबार हैं. इंडियन रीडरशिप सर्वे के अनुसार देश के दस बड़े अखबारोंमें पांच हिन्दी भाषा के अखबार हैं जिसमें दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर,अमर उजाला, हिन्दुस्तान और राजस्थान पत्रिका शामिल है. हालांकि आईआरएस केआंकड़े बताते हैं कि हिन्दुस्तान और राजस्थान पत्रिका को छोड़कर शीर्ष केसभी अखबारों के पाठकों की संख्या में कमी आयी है. आश्चर्यजनक रूप से देशके शीर्ष दस अखबारों में अंग्रेजी का एक भी अखबार अभी भी अपनी जगह नहींबना पाया है. इंडियन रीडरशिप सर्वे के पहले दौर के सर्वे का डाटा रिलीज हो गया है.पहले दौर के सर्वे के बाद जो आंकड़े निकलकर सामने आये हैं उसमें दैनिकजागरण लगातार पहले स्थान पर बना हुआ है. हिन्दी के अखबार दैनिक जागरण कीकुल पाठक संख्या 5.45 करोड़ बतायी गयी है. हालांकि पिछले साल आईआरएस(इंडियन रीडरशिप सर्वे) के मुकाबले दैनिक जागरण के पाठकों की संख्या में21 लाख की गिरावट आयी है फिर भी वह देश का नंबर अखबार बना हुआ है. दूसरे नंबर है दैनिक भास्कर. दैनिक भास्कर की पाठक संख्या में भी 2.8 लाखकी गिरावट दर्ज हुई है लेकिन 3.19 करोड़ पाठकों के साथ वह देश का दूसरासबसे बड़ा अखबार बना हुआ है. दैनिक भास्कर डीबी कार्प का उद्यम है. तीसरे नंबर पर भी हिन्दी का एक और अखबार है - अमर उजाला. आईआरएस के पहलेराउण्ड के आंकड़े बताते हैं कि अमर उजाला के पाठकों की संख्या में भी 7लाख की कमी आयी है. आईआरएस के पहले राउण्ड में अमर उजाला के पाठकों कीसंख्या 2.87 करोड़ बतायी गयी है.जबकि इसी कालावधि में पिछले साल जारीआंकड़ों के हिसाब से अमर उजाला के पास 2.94 करोड़ पाठक थे. इंडियन रीडरशिप सर्वे-2009चौथे नंबर पर भी हिन्दी का ही एक और अखबार दैनिक हिन्दुस्तान है.हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान टाइम्स समूह का अखबार है. हिन्दुस्तान हिन्दी काअकेला ऐसा अखबार है जिसके पाठकों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी जारीहै. आईआरएस - 2009 के पहले दौर में जब सभी अखबारों के पाठकों की संख्यामें कमी आ रही है तब भी हिन्दुस्तान ने बढ़त जारी रखी है. आईआरएस केआंकड़े बताते हैं कि ताजा दौर के सर्वे में हिन्दुस्तान के पाठकों कीसंख्या में 1.36 लाख की बढ़ोत्तरी हुई है और उसकी कुल पाठक संख्या 2.67करोड़ पहुंच गयी है. पांचवे नंबर पर आश्चर्यनजक रूप से एक मराठी दैनिक ने अपना दावा ठोंक दियाहै. डेली थंती को छठे नंबर पर धकेलते हुए पांचवें स्थान पर मराठी दैनिकलोकमत काबिज हो गया है. लोकमत के पाठकों की संख्या में 7.19 लाख कीबढ़ोत्तरी हुई है और उसके कुल पाठकों की संख्या 2.06 करोड़ पहुंच गयी है.मराठी दैनिक लोकमत पहले भी पांचवें स्थान पर रह चुका है. •देश के लगभग सभी बड़े अखबार के पाठकों की संख्या में गिरावट दर्ज हो रही है•अंग्रेजी का सबसे बड़ा अखबार देश के शीर्ष दस अखबारों में शामिल नहीं है•हिन्दुस्तान टाइम्स समूह का अखबार हिन्दुस्तान अकेला अखबार जिसके पाठकोंकी संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है•राजस्थान पत्रिका के पाठकों की संख्या में भी आंशिक बढ़ोत्तरी•तमिल दैनिक डेली थंथी को लगातार दूसरी बार नुकसानजबकि पांचवें नंबर से खिसकर छठे नंबर पर पहुंचे तमिल अखबार डेली थंथी केपाठकों की संख्या 2.04 करोड़ पर पहुंच गयी है. उसके पाठकों की संख्या में1.19 करोड़ की कमी आयी है. पिछले लगातार तीन दौर के सर्वे में डेली थंथीको पाठकों की संख्या का नुकसान उठाना पड़ा है. और उसके पाठकों की संख्या2.08 करोड़ से गिरकर 2.04 करोड़ पर आ गयी है. सातवें नंबर भी एक तमिल दैनिक दिनकरन है. दिनकरण के पाठकों की संख्या मेंभी 1.92 करोड़ का नुकसान हुआ है और उसके कुल पाठकों की संख्या ताजा सर्वेके अनुसार 1.7 करोड़ से घटकर 1.68 करोड़ हो गयी है. आठवें स्थान पर पश्चिम बंगाल का बांग्ला दैनिक आनंद बाजार पत्रिका है.आनंद बाजार पत्रिका के पाठकों की संख्या 1.55 करोड़ है. ताजा दौर केसर्वे बताते हैं कि आनंद बाजार पत्रिका को भी 1.76 लाख पाठकों का नुकसानहुआ है. नौंवें स्थान पर हिन्दी अखबार राजस्थान पत्रिका है. राजस्थान पत्रिका केकुल 1.4 करोड़ पाठक हैं. अन्य अखबारों की तुलना में राजस्थान पत्रिका केपाठकों की संख्या में 52,000 की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है, जबकि इसके पहलेके दौर के सर्वे में राजस्थान पत्रिका को 3.42 लाख पाठकों का नुकसान हुआथा. पिछले दौर के आईआरएस सर्वे में राजस्थान पत्रिका ईनाडु से पीछे था.इस दौर के सर्वे में वह ईनाडु को पीछे धकेल नौवें नंबर पर आ गया है. तमिल दैनिक इनाडु दसवें नंबर पर है. ईनाडु के पाठकों की संख्या 1.39करोड़ है. उसे 4.2 लाख पाठकों का नुकसान हुआ है. यह दूसरा दौर है जबलगातार ईनाडु के पाठकों में कमी आ रही है. पिछले दो दौर के सर्वे मेंईनाडु को लगभग 7 लाख पाठकों का नुकसान हुआ है. अंग्रेजी के शीर्ष दसभारत के शीर्ष दस अखबारों में अंग्रेजी का एक भी अखबार शामिल नहीं है.अंग्रेजी के सबसे बड़े अखबार टाइम्स आफ इंडिया के पाठकों की संख्या 1.33करोड़ है, जबकि दूसरे नंबर के अंग्रेजी के सबसे बड़े अखबार हिन्दुस्तानटाइम्स के पाठकों की संख्या 63.4 लाख है. हिन्दू तीसरे नंबर पर है औरउसके पाठकों की संख्या 53.73 लाख है. 28.18 लाख पाठकों के साथ दटेलीग्राफ चौथे नंबर पर है. 27.68 लाख पाठकों के साथ डेक्कन क्रानिकलपांचवे नंबर पर है. छठे नंबर पर टाइम्स समूह के व्यावसायिक अखबार दइकोनामिक टाइम्स को जगह मिली है. उसके कुल पाठकों की संख्या 19.17 लाखहै. मुंबई से निकलनेवाला टैबलाइड मिड डे सातवें नंबर पर है. मिड-डे केपाठकों की संख्या 15.83 लाख है. आठवें नंबर पर द न्यू इंडियन एक्सप्रेसहै जिसके पाठकों की संख्या 15.66 लाख है. मुंबई मिरर के पाठकों की संख्या15.57 लाख है और वह नौवें नंबर पर है जबकि दसवें नंबर पर डीएनए है औरउसके पाठकों की कुल संख्या 14.89 लाख है.
विजय कुमार मल्होत्रापूर्व निदेशक राजभाषा

Comments

अच्छी जानकारी,धन्यवाद.
हिन्‍दी अखबारों के इतने बडे पाठक वर्ग के बावजूद सामग्री के स्‍तर में कमी का कारण समझ में नहीं आ रहा!!
अंग्रेजी के अखबार कम से कम २५वें स्थान पर आने के लायक हैं । ये तो भारत में काले अंग्रेजों की मेहरबानी से जिन्दा हैं। सरकारी प्रचार के दम पर चल रहे हैं किन्तु 'जनता' ने उन्हें उनकी औकात बता दी है।