दिल्ली विश्वविधालय के श्री गुरू तेगबहादुर खालसा कालेज के ‘‘स्पोर्टस इकानामिक्स एण्ड मार्केटिंग’’ और ‘‘वेब पत्रकारिता’’ के विद्यार्थियों द्वारा एक दिवसीय खेल उत्सव ‘‘जोश’’ का आयोजन किया गया। इस उत्सव में अनेक खेल प्रतियोगिताओं के साथ-साथ राष्ट्रमंडल खेल से संबंधित विषय ‘‘खेलेगा हर कोई, जीतेगी दिल्ली’’ विषय पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं सीएनईबी चैनल के सी.ई.ओ. श्री राहुल देव थे। उन्होंने देश के विकास में खेलों की उपयोगिता पर बात करते हुए कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि जिस कोर्स को खालसा कालेज ने शुरू किया है उसे ज्यादा से ज्यादा कालेजों द्वारा अनुसरण किया जाए। साथ ही यह भी जरूरी है कि जो आधारभूत ढांचा राष्ट्रमंडल खेलों के लिए तैयार किया जा रहा है उसका बेहतर उपयोग इन खेलों के बाद भी होता रहे तभी देश के विकास में इसकी सार्थक भूमिका होगी। वह अस्थायी विकास का साधन बनकर न रह जाए। अन्य वक्ताओं में ईएसपीएन के सौमित्र बोस ने नए पाठ्यक्रम शुरू करने पर खालसा कालेज को बधाई देते हुए कहा कि आज खेलों पर आधारित पाठयक्रम की अत्यंत आवश्यकता है। यह बड़ी खुशी की बात है कि खालसा कालेज देश का ऐसा पहला कालेज है जिसने खेल और बाजार के संबंधों को पहचाना। राष्ट्रमंडल के सलाहकार समिति के सदस्य अविनाश सिंह ने खेल और विकास के आपसी संबंधों पर चर्चा करते हुए कहा कि खेल के एक आयोजन से किसी भी शहर, देश के आर्थिक परिदृश्य में बहुत बदलाव आता है। जिस तरह से आइ.पीएल के आगमन से खेलों का आर्थिक परिदृश्य बहुत उपर चला गया है। पैट्रोलियम मंत्रालय के अखिलेश झा ने खेल के वित्तीय पक्ष को उजागर करते हुए कहा कि खेलों में वित्तीय आडिट के साथ सामाजिक आडिट होना भी बहुत जरूरी है, तभी खेल अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी। कोर्स डेवलपर एवम स्पोर्टस एंकर अर्जुन जे. चौधरी ने कालेज प्रधानाचार्य डा. जसविंदर सिंह की सार्थक भूमिका को सराहते हुए कहा कि नए विचार को पाजिटिव रुख अपनाना ही आधी सफलता हो जाती है। कोर्स के सफल होने के पीछे प्रशासन की सकारात्मक सोच बहुत जरूरी है। उन्होंने खेल और मीडिया के आपसी मजबूत संबंधों पर भी प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि खेल के विकास में विज्ञापन की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है और खेलों में पैसा तभी आता है। धन्यवाद ज्ञापन पाठयक्रम समन्वयक डा. स्मिता मिश्र ने करते हुए कहा कि आज शिक्षा को परम्परागत विषयों से आगे बढ़ाने की जरूरत है। प्रतियोगिताओं में जंकयार्ड वार्स,स्पोर्ट्स क्विज, स्पोर्टस पायट्री, बास्केटबाल, क्लिक ए पिक, आर्म रेसलिंग जैसे रोचक इवेंट आयोजित किए जिसमें भारी संख्या में विद्यार्थियों ने ‘‘जोश’’ में बढ़चढ़ कर भाग लिया।
Monday, March 15, 2010
खेलेगा हर कोई जीतेगी दिल्ली - विषय पर खालसा कालेज में संगोष्ठी आयोजित
दिल्ली विश्वविधालय के श्री गुरू तेगबहादुर खालसा कालेज के ‘‘स्पोर्टस इकानामिक्स एण्ड मार्केटिंग’’ और ‘‘वेब पत्रकारिता’’ के विद्यार्थियों द्वारा एक दिवसीय खेल उत्सव ‘‘जोश’’ का आयोजन किया गया। इस उत्सव में अनेक खेल प्रतियोगिताओं के साथ-साथ राष्ट्रमंडल खेल से संबंधित विषय ‘‘खेलेगा हर कोई, जीतेगी दिल्ली’’ विषय पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं सीएनईबी चैनल के सी.ई.ओ. श्री राहुल देव थे। उन्होंने देश के विकास में खेलों की उपयोगिता पर बात करते हुए कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि जिस कोर्स को खालसा कालेज ने शुरू किया है उसे ज्यादा से ज्यादा कालेजों द्वारा अनुसरण किया जाए। साथ ही यह भी जरूरी है कि जो आधारभूत ढांचा राष्ट्रमंडल खेलों के लिए तैयार किया जा रहा है उसका बेहतर उपयोग इन खेलों के बाद भी होता रहे तभी देश के विकास में इसकी सार्थक भूमिका होगी। वह अस्थायी विकास का साधन बनकर न रह जाए। अन्य वक्ताओं में ईएसपीएन के सौमित्र बोस ने नए पाठ्यक्रम शुरू करने पर खालसा कालेज को बधाई देते हुए कहा कि आज खेलों पर आधारित पाठयक्रम की अत्यंत आवश्यकता है। यह बड़ी खुशी की बात है कि खालसा कालेज देश का ऐसा पहला कालेज है जिसने खेल और बाजार के संबंधों को पहचाना। राष्ट्रमंडल के सलाहकार समिति के सदस्य अविनाश सिंह ने खेल और विकास के आपसी संबंधों पर चर्चा करते हुए कहा कि खेल के एक आयोजन से किसी भी शहर, देश के आर्थिक परिदृश्य में बहुत बदलाव आता है। जिस तरह से आइ.पीएल के आगमन से खेलों का आर्थिक परिदृश्य बहुत उपर चला गया है। पैट्रोलियम मंत्रालय के अखिलेश झा ने खेल के वित्तीय पक्ष को उजागर करते हुए कहा कि खेलों में वित्तीय आडिट के साथ सामाजिक आडिट होना भी बहुत जरूरी है, तभी खेल अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी। कोर्स डेवलपर एवम स्पोर्टस एंकर अर्जुन जे. चौधरी ने कालेज प्रधानाचार्य डा. जसविंदर सिंह की सार्थक भूमिका को सराहते हुए कहा कि नए विचार को पाजिटिव रुख अपनाना ही आधी सफलता हो जाती है। कोर्स के सफल होने के पीछे प्रशासन की सकारात्मक सोच बहुत जरूरी है। उन्होंने खेल और मीडिया के आपसी मजबूत संबंधों पर भी प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि खेल के विकास में विज्ञापन की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है और खेलों में पैसा तभी आता है। धन्यवाद ज्ञापन पाठयक्रम समन्वयक डा. स्मिता मिश्र ने करते हुए कहा कि आज शिक्षा को परम्परागत विषयों से आगे बढ़ाने की जरूरत है। प्रतियोगिताओं में जंकयार्ड वार्स,स्पोर्ट्स क्विज, स्पोर्टस पायट्री, बास्केटबाल, क्लिक ए पिक, आर्म रेसलिंग जैसे रोचक इवेंट आयोजित किए जिसमें भारी संख्या में विद्यार्थियों ने ‘‘जोश’’ में बढ़चढ़ कर भाग लिया।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
पानी में मीन पियासी, मोहि सुन-सुन आवे हाँसी। इस पद्य में कबीर साहब अपनी उलटवासी वाणी के माध्यम से लोगों की अज्ञानता पर व्यंग्य किये हैं कि ...
-
Films Division The Films Division was constituted in January 1948 by re-christening the erstwhile Information Films of India and the Indian ...
-
रविवार, अगस्त 28, 2011 दिल्ली में लहलहाती लेखिकाओं की फसल Issue Dated: सितंबर 20, 2011, नई दिल्ली एक भोजपुरी कहावत है-लइका के पढ़ावऽ,...
1 comment:
बढ़िया जानकारी,आभार.
Post a Comment